Roza Rakhne Ki Dua । रोजा रखने की दुआ हिंदी, अरबी और इंग्लिश में

आज़ यहां पर आप एक बहुत ही रहमत व बरकत भरी दुआ यानी कि Roza Rakhne Ki Dua जानेंगे जो हम सब के लिए बहुत ज़रूरी है।

हम सभी लोग रमज़ान महीने में ज्यादा से ज्यादा इबादत करके खूब रहमत व बरकत हासिल करना चाहते हैं जिसे हमारे नामए आमाल में ख़ूब नेकी हो।

अगर हम रोजा रखने से कब्ल इस दुआ को पढ़ें तो और भी बेहतर होगा इसीलिए हमने यहां पर बहुत ही साफ़ लफ्ज़ों में रोजा रखने की दुआ लिखा है।

Roza Rakhne Ki Dua

यहां पर हमने रोज़ा रखने की दुआ हिंदी के साथ साथ अरबी और इंग्लिश के साफ़ और आसान लफ्ज़ों में तर्जुमे के साथ लिखा है।

जिसे आप अपने पसंदीदा जबान में पढ़ कर समझ जाएं और अमल में लाएं जिसके बाद फिर कहीं भी आपको रोजा रखने की दुआ ना देखना पड़े।

Roza Rakhne Ki Dua In Hindi
Roza Rakhne Ki Dua

Roza Rakhne Ki Dua In Hindi

अल्लाहुम्मा नवैतुअन असौमा गदन लिल्लाहि तआला मिन फर्जी रमज़ान

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Roza Rakhne Ki Dua In Arabic

اَللّٰهُمَ نَوَيْتُ اَنْ اَصُوْمَ غَدًالِلّٰهِ تَعَالٰى مِنْ فَرْضِ رَمَضَاَنَ

Roza Rakhne Ki Dua In English

Allahummaa Nawaitu’an Asaumaa Gadan Lillahi T’Aala Min Farzii Ramzaan.

Roza Rakhne Ki Dua Ka Tarjuma

मैंने नियत की, कि अल्लाह के लिए कल इस रमज़ान का फर्ज़ रोज़ा रखूंगा।

Roza Rakhne Ki Dua Hadees

एक हदीस के मुताबिक़ हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजियल्लाहु तआला अन्हुं बयान करते हैं:

कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया सेहरी खा कर दिन के रोजे के लिए ताकत हासिल करो।

और दिन को कैलुला करके रात की इबादत के लिए मदद हासिल करो – इब्ने माजह स.123, 1693

दुसरी हदीस के मुताबिक़ हज़रत अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु अन्हुं बयान करते हैं:

कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया सेहरी में बरकत ही बरकत है।

इस लिए इसे मत छोड़ो अगर्चे एक घुंट पानी ही पी लो – मुस्नद अहमद बिन हम्बल जि 3 स 12

तीसरी हदीस के मुताबिक़ हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर रजियल्लाहु अन्हुमा बयान करते हैं:

कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि अल्लाह तआला और उसके फ़रिश्ते सेहरी करने वालों पर दुरूद भेजते हैं।

हज़रत अम्र बिन आस रजियल्लाहु अन्हुं बयान करते हैं:

कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि हमारे और यहूदो नसारा के रोज़ो में फ़र्क सेहरी खाना है – मुस्लिम हदिस नं.1096

अंतिम लफ्ज़

अब तक तो आप भी आसानी से इस लेख को पढ़ कर रोजा रखने की दुआ जान ही गए होंगे और हमेशा रोजा रखने से पहले इस दुआ को पढ़ेंगे।

हमने यहां पर दुआ के साथ साथ और भी खुबसूरत बातें बहुत ही सुन्दर और साफ़ लफ्जों में लिखा था जिसे आप आसानी से पढ़ कर समझ सकें।

अगर इसे पढ़ने के बाद कोई कन्फ्यूजन या फिर किसी तरह का कोई डाउट भी हो तो आप हमसे कॉन्टेक्ट अस पेज के ज़रिए ज़रूर पूछें। शुक्रिया!

My name is Muhammad Ittequaf and I'm the Editor and Writer of Duaein. I'm a Sunni Muslim From Ranchi, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.