आज़ के इस खुबसूरत लेख में आप एक बहुत ही ज़रूरी दुआ यानी कि Dua E Qunoot In Hindi में जानेंगे जो बहुत ही उम्दा दुआ है।
इस दुआ ए कुनूत को नमाज़ ए वित्र की तीसरी रकात में पढ़ा जाता है इससे आप भी अंदाज़ा लगा सकते हैं कि यह कितना ज़रूरी है।
हमने इसी लिए यहां पर दुआ ए कुनूत हिंदी के साथ साथ अरबी और इंग्लिश में भी लिखा है जिसे सभी लोग अपने पसंदीदा जबान में आसानी से पढ़ पाएं।
Dua E Qunoot In Hindi
अल्लाहुम्मा इन्ना नस्तइनु क व नस्तग्फिरूक व नुअमिनु बि क व न तवक्कलु अलैक व नुस्नी अलैकल खैर व नशकुरुक वला नक्फुरू क व नख लओ व नतरूकु मंय्यफ्जुरू क अल्लाहुम्म इय्या क नअबुदू व लका नुसल्ली व नस्जुदू व इलैक नसआ व नहफिदु व नरजु रहमत क व नख्शा अजा इन्न अजा ब क बिल कुफ्फारि मुल्हिक
Dua E Qunoot In Arabic
اَللَّهُمَّ إنا نَسْتَعِينُكَ وَنَسْتَغْفِرُكَ وَنُؤْمِنُ بِكَ وَنَتَوَكَّلُ عَلَيْكَ وَنُثْنِئْ عَلَيْكَ الخَيْرَ وَنَشْكُرُكَ وَلَا نَكْفُرُكَ وَنَخْلَعُ وَنَتْرُكُ مَنْ ئَّفْجُرُكَ اَللَّهُمَّ إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَلَكَ نُصَلِّئ وَنَسْجُدُ وَإِلَيْكَ نَسْعأئ وَنَحْفِدُ وَنَرْجُو। رَحْمَتَكَ وَنَخْشآئ عَذَابَكَ إِنَّ عَذَابَكَ بِالكُفَّارِ مُلْحَقٌ
Dua E Qunoot In English
Allahumma Inna Nastainuka Wa Nastagfiruka Wa Nuaminu Bika Wa Na Tawakkalu Alaika Wa Nusni Alaikal Khair Wa NashKuruk Walaa Nakfuruka Wa Nakh Lao Wa Natruku Mayyafzuruk Allahumma Iyyaka N’Abudu Wa Lakaa Nusalli Wa Nasjudu Wa ILaika Nas’aa Wa Nahfidu Wa Narzuu Rahmatka Wa Nakhsha Azza Inna Azza Baka Bil Kuffari Mullh-eek
Dua E Qunoot Ka Tarjuma
ऐ अल्लाह हम तुझ से मदद चाहते हैं और तुझसे बख्शीश मांगते हैं और तुझे पर ईमान लाते हैं और तुझ पर भरोसा रखते हैं और तेरी बहुत अच्छा तारीफ करते हैं और तेरा शुक्र करते हैं तेरी ना सुकरी नहीं करते और अलग करते और छोड़ते हैं उसको जो तेरी नाफरमानी करें ऐ अल्लाह हम तेरी ही इबादत करते हैं और तेरे लिए ही नमाज पढ़ते और सजदा करते हैं और तेरी ही तरफ दौड़ते और चलने की कोशिश करते हैं और तेरी रहमत का उम्मीदवार हैं और तेरे आजाब से डरते हैं बेशक तेरा अजाब काफिरों को पहुंचने वाला है।
दुआ ए कुनूत कब पढ़ी जाती है?
वित्र की नमाज़ में दुआ ए कुनूत सबसे आख़िर यानी तिसरी रकात सूरह फातिहा और कुल हू वल्लाहू शरीफ पढ़ने के बाद पढ़ी जाती है।
आप डिटेल्स में इस तरह से समझें कि जब वित्र की नमाज़ के तिसरी रकात में पहुंच जाएं तो सबसे पहले तो आप सूरह में सूरह फातिहा पढ़ेंगे।
इसके बाद सूरह इखलास यानी कुल हू वल्लाहू शरीफ पढ़ कर अल्लाहू अकबर कहते हुए हांथ उठा कर फिर से बांधेंगे और यहीं इसी वक्त दुआ ए कुनूत पढ़ी जाती है।
इसके बाद कुछ पढ़ना भी नहीं होता है आप रूकुअ और सज्दा करके वित्र की नमाज़ को मुकम्मल करें यही सही तरीका है दुआ ए कुनूत पढ़ने का।
दुआ ए कुनूत याद ना हो तो क्या पढ़े?
अगर आपको दुआ ए कुनूत जेहन में न हो यानी याद न हो तो आप इस दुआ को पढ़ कर वित्र की नमाज़ की वाजिब दुरूस्त कर सकते हैं।
“रब्बना आतिना फिद्दुनिया हसनतंव व फिल आखिरति हसनतंव वकिना अज़ाबन नार“
“رَبَّنَا آتِنَا فِي الدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِي الْآخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ النَّارِ“
“Rabbna Aatina Fidduniya Hasanatanw Wa Fil Aakhirati Hasanatanw Wakinaa Azaaban Naar.“
लेकिन आप उपर लिखी दुआ ए कुनूत को ही पढ़ें तो बेहतर होगा ऐसा नहीं की बड़ा समझ कर आप इग्नोर करें और छोटे वाले को पढ़ें खूब याद रखें इस बात को की वित्र की नमाज़ में दुआ ए कुनूत ही पढ़ना चाहिए।
अंतिम लफ्ज़
अब तक तो आप भी दुआ ए कुनूत पढ़ कर अपने जेहन में बसा लिए होंगे और अब से हमेशा वित्र में इसे पढ़ कर नमाज मुकम्मल करेंगे।
हमने यहां पर दुआ ए कुनूत का हर एक लफ्ज़ बहुत ही सही और साफ़ लफ्ज़ों में लिखा था जिसे आप आसानी से पढ़ सकें।
अगर आपको पढ़ने में कोई दिक्कत आई हो या कहीं समझ में नहीं आई हो तो आप हमसे कॉन्टेक्ट अस पेज के ज़रिए जरूर पूछें।