आज के इस खुबसूरत लेख में आप नमाज़ में पढ़ी जाने वाली छोटी सी ख़ास दुआ यानी कि Sana Dua In Hindi में जानेंगे जो बहुत ही ज़रूरी है।
हमने इस लेख में नमाज़ की सना को हिंदी के साथ साथ अरबी और इंग्लिश के आसान लफ्ज़ों में लिखा है जिसे आप आसानी से पढ़ सकें।
इसके बाद फिर आपको कहीं भी नमाज़ में पढ़ी जाने वाली सना नहीं खोजनी पड़ेगी इसीलिए आप यहां पर हर एक लफ्ज़ को ध्यान से पढ़ें।
Sana Dua In Hindi
सुब्हान क अल्लाहुम्मा व बि हम्दि क व तबार कस्मुका व तआला जद्दू क व ला इल्लाहा गैरूका
Sana Dua In Arabic
سُبْحٰنَاكَ اَللّٰهُمَّ وَ بِحَمْدِكَ وَ تَبَارَكَ اسْمُكَ وَتَعَالٰى جَدُّكَ وَلَاْاِلٰهَ غَيْرُكَ
Sana Dua In English
Subhaan Ka Alaahumma Wa Bi Hamdee Ka Wa Tabaar Kasmukaa Wa T’Aala Jaddu Ka Wa Laa ilaaha Gairuka
Sana Dua Ka Tarjuma
ऐ अल्लाह तू पाक है और मैं तेरी हम्द करता हूं तेरा नाम बरकत वाला है और तेरी अजमत बलन्द है और तेरे सिवा कोई माबूद नहीं।
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नमाज की सना पढ़ने का तरीका
नमाज के लिए जब नियत करके हांथ बांध लें तो सबसे पहले सना पढ़ें फिर अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम और बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ें।
अगर आप इमाम के पीछे भी नमाज अदा कर रहे हैं तो आपको पहले सना ही पढ़ना है इमाम के पीछे नियत बांधने के बाद सना पढ़ के कुछ नहीं पढ़ा जाता है।
एक बात हमेशा याद रखें कि सना सिर्फ नमाज में शुरू में ही पढ़ा जाता है यानी कि सिर्फ नियत करने पर पहली रकात में इस के बाद कभी भी सना पढ़ने की ज़रूरत नहीं।
लेकीन इस बात का भी ख्याल रखें कि कुछ ऐसे भी ख़ास किस्म की नमाज है जिसमें सना दो बार भी पढ़ा जाता है जैसे कि शब ए कद्र की 4 रकात वाली नफ्ल नमाज में।
इस नमाज के तीसरी रकात में भी सना पढ़ने का हुक्म है, इसके अलावा कोई ख़ास दिन या वक्त का नमाज अदा करना हो तो जायजा ले लें।
आप हमसे भी कॉमेंट करके या कॉन्टैक्ट अस पेज से सीधा राब्ता कर सकते हैं या फिर अपने नजदीक की पैबंद ए सुन्नत हाफिज आलिम से भी राब्ता कर के ख़ास नमाज को दुरूस्त तरीके से अदा करें।
नमाज में सबसे पहले क्या पढ़ा जाता है?
नमाज में सबसे पहले ‘सना’ ही पढ़ा जाता है इस तरह से की जब हम नमाज के लिए खड़े होते हैं तो सबसे पहले नमाज की नियत करके हम नियत बांधते हैं।
जैसे कि हमें फजर की नमाज में फजर की 2 रकात की सुन्नत नमाज अदा करनी हो तो सबसे पहले हम फजर की सुन्नत का 2 रकात की नियत करेंगे।
इसके बाद अपने हाथों को कानों से छूकर औरतें कांधो तक उठा कर नियत बांध लेंगे इसके बाद सना यानी जो हमने आपको उपर में बताई उसे पढ़ेंगे।
इसके बाद तअव्वुज यानी अउजुबिल्लाह मिनश शैतानीर्रजीम पढ़ेंगे फिर इसके बाद तस्मियह यानी बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ा जाता है।
इसके बाद आगे की सूरह आयत पढ़ कर रूकू व सुजूद किया जाता है याद रखें सिर्फ नमाज की पहली रकात में ही सना पढ़ना होता है।
अंतिम लफ्ज़
अब तक तो आप भी आसानी से नमाज़ में पढ़ी जाने वाली सना पढ़ कर अपने जेहन ए मुबारक में बसा लिए होंगे और नमाज़ में ज़रूर पढ़ेंगे।
हमने यहां पर दुआ के साथ साथ इसे पढ़ने का तरीका भी बहुत ही साफ़ और आसान शब्दों में बताया था जिसे आप आसानी से समझ कर अमल में ला सकें।
अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल या फिर किसी तरह का कोई डाउट भी हो तो आप हमसे कॉन्टेक्ट अस पेज के ज़रिए जरूर पूछें।