आज यहां पर आप एक बहुत ही ख़ास व उम्दा दुआ यानी कि Taraweeh Ki Dua जानेंगे जो बहुत ही खुबसूरत और आला दुआ है।
हम सभी को माह ए रमज़ान में नमाज़ ए तरावीह के बाद इस दुआ को जरूर पढ़ना चाहिए जिसे हमारी मगफिरत हो जाए।
इसीलिए आप यहां पर ध्यान से पढ़ कर याद रख लें और तरावीह की नमाज़ में हर 4 रकात के बाद आप इस दुआ को आसानी से पढ़ सकें।
Taraweeh Ki Dua
यहां पर हमने तरावीह की दुआ हिंदी के साथ साथ अरबी और इंग्लिश के साफ और आसान लफ्जों में सही तरीके से लिखा है।
जिसे आप अपने मुताबिक़ सही और आसान लफ्ज़ का चयन करके आसानी से पढ़ सकें और फिर कहीं दोबारा ना देखना पड़े।
Taraweeh Ki Dua In Hindi
सुब्हा नजिल मुल्कि वल मलकूत. सुब्हा नजिल इज्जति वल अजमति वल हैबति वल कुदरति वल किबरियाए वल जबरूत. सुब्हानल मलिकिल हय्यिल लजी ला यनामु व ला यमूतू. सुब्बुहून कुद्दूसुन रब्बुना व रब्बुल मलाएकति वरूहु. अल्लाहुम्म अजिरना मिनन्नारि. या मुजिरू या मुजिरू या मुजिरू बि रहमति क या अर हमर्राहिमीन.
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Taraweeh Ki Dua In Arabic
سُبْحَانَ ذِی الْمُلْکِ وَالْمَلَکُوْتِ. سُبْحَانَ ذِی الْعِزَّةِ وَالْعَظَمَةِ وَالْهَيْبَةِ وَالْقُدْرَةِ وَالْکِبْرِيَآئِ وَالْجَبَرُوْتِ. سُبْحَانَ الْمَلِکِ الْحَيِ الَّذِی لَا يَنَامُ وَلَا يَمُوْتُ. سُبُّوحٌ قُدُّوْسٌ رَبُّنَا وَرَبُّ الْمَلَائِکَةِ وَالرُّوْحِ. اَللّٰهُمَّ اَجِرْنَا مِنَ النَّارِ. يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْرُ بِرَحْمَتِكَ يَااَرْحَمَ الرّٰحِمِيْن.
Taraweeh Ki Dua In English
Subhaa-Nazeel Mulki Wal Malqoot. Subhaa-Nazeel Izzati Wal Azmati Wal Haybati Wal Qudrati Wal Kibriyaae Wal Jabrut. Subhanal Malikeel Hayyeel Lazi Laa Yanaamu Wa Laa Yamutu. Subbuhoon Kuddusoon Rabbuna Wa Rabbul Malaaekati Waruhoo. Allahumma Azirnaa Minnari. Yaa Muziroo Yaa Muziroo Yaa Muziroo Bi Rahmateeka Yaa Ar-Hamarrahimeen
Taraweeh Ki Dua Ka Tarjuma
मुल्क व मलकूत वाला पाक है। इज्ज़त व बुजुर्गी और हैबत व कुदरत वाला बड़ाई और जबरूत वाला पाक है। बादशाह जो जिन्दा है जो न सोता है न मरता है। पाक मुकद्दस है फरिश्तों और रूह का मालिक। अल्लाह के सिवा कोई मा’बुद नहीं अल्लाह से हम मगफिरत चाहते हैं। तुझ से जन्नत का सवाल करते हैं और जहन्नम से तेरी पनाह मांगते हैं।
अंतिम लफ्ज़
अब तक तो आप भी आसानी से तरावीह की दुआ पढ़ कर अपने जेहन में बसा लिए होंगे और हर बार तरावीह की नमाज़ के बाद इसे पढ़ेंगे।
हमने यहां पर तरावीह की दुआ बहुत ही साफ़ और सही शब्दों में लिखा जिसे आप सही से पढ़ सकें और समझ कर अमल में ला सकें।
अगर इसे पढ़ने कोई दिक्कत आ रही हो तो आप हमसे कॉन्टेक्ट मि पेज के ज़रिए जरूर पूछे हम आपका जवाब जरूर देंगे।