आज यहां पर आप एक बहुत ही बड़ी ख़ैर व बरकत भरी दुआ यानि Karz Utarne Ki Dua जानेंगे जो बहुत ही उम्दा व आला दुआ है।
अगर आप एक भारी कर्ज़ में मुब्तिला हैं तो इस लेख को अंतिम लफ्ज़ तक जरूर पढ़ें हमने यहां पर दुआ के साथ साथ वजीफा भी बताई है।
इसके साथ ही और भी बेहतरीन और उपयोगी बातें बताई है जिसपे अमल करने से आप जल्द ही कर्ज़ से निजात पा कर बरकत हासिल करेंगे।
Karz Utarne Ki Dua
यहां पर हमने सभी चीजों को जेहन में रखते हुए कर्ज़ की दुआ हिंदी के साथ साथ अरबी और इंग्लिश के भी साफ और आसान शब्दों में बताया है।
जिसे आप सब अपने मुताबिक़ पसंदीदा भाषा में इस दुआ को सही सही आसानी से पढ़ सकें और दोबारा से कहीं पर देखना ना पड़े।
Karz Utarne Ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्मा कफिनी बिहलालि क अन हरामि क व अगनिनी बिफजली क अम्मन सिवा क
Must Read: Namaz Ke Baad Ki Dua
Karz Utarne Ki Dua In Arabic
اَللّٰهُمّ اکْفِنِى بِحَلَالِكَ عَنْ حَرَامِكَ وَ اَغْنِنِىْ بِفَضْلِكَ عَمَّنْ سِوَاكَ
Karz Utarne Ki Dua In English
Allahumma Kafeeni Bihlaali Ka An Haraami Ka Wa Agneeni Beefazli Ka Amman Siwa Ka
Karz Utarne Ki Dua Ka Tarjuma
ऐ अल्लाह मुझे हलाल रिज्क अता फरमा कर हराम से बचा और अपने फज्लो करम से अपने सिवा गैरों से बेनियाज कर दे।
कर्ज़ अदायगी का वजीफा
- कर्ज उतारने का वजीफा यह है कि आप अल्लाहुम्म कफिनी बिहलालि क अन हरामि क व अगनिनी बिफजली क अम्मन सिवा क।
- इस दुआ को कसरत से हर रोज सुबह शाम 100 मरतबा पढ़े साथ ही हर नमाज के बाद 11 बार पढ़ें हमेशा पढ़ने से पहले और पढ़ने के बाद 1–1 बार दुरूद पाक पढ़ें।
- एक मरवी हुआ की एक मुकातब यानी वह गुलाम जिसने आका से माल की अदाएगी के बदले आजादी का मुआहदा किया हुआ हो।
- इसने हजरते मुश्किल कुशा अलिय्युल मुर्तजा शेरे खुदा करमल्लाहु तआला वजतह्हुल करीम की बारगाह में अर्ज कि:
- मैं अपनी किताबत यानी आजादी की कीमत अदा करने से अजिज हूं मेरी मदद फरमाइए आप करमल्लाहु तआला वजतह्हुल करीम ने फ़रमाया।
- मैं तुम्हें चन्द कलिमात न सिखाऊं जो रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने सिखाए हैं।
- अगर तुम पर एक पहाड़ के बराबर भी दैन यानी कर्ज होगा तो अल्लाह तआला तुम्हारी तरफ से अदा कर देगा तुम यु कहा करो
‘अल्लाहुम्म कफिनी बिहलालि क अन हरामि क व अगनिनी बिफजली क अम्मन सिवा क’
कर्ज़ अदायगी की दुआ इस तरह पढ़ें।
हर रोज सुबह शाम शुरू में दुरूद शरीफ पढ़ कर 100 मरतबा इस दुआ को पढ़ें और आखिर में दुरूद शरीफ भी पढ़ें।
फिर अगर आप पांच वक्त के नमाज का पाबंद हैं तो और अच्छी बात है।
हर वक्त के नमाज के बाद कर्ज उतारने की दुआ को पहले दुरूद शरीफ पढ़ कर 11 मरतबा पढ़ें और आखिर में भी दुरूद शरीफ पढ़ लें।
इसी दुआ का निस्बत यानी इसी दुआ के बारे में मौला अली करमल्लाहु तआला वजतह्हुल करीम ने फ़रमाया।
कि अगर तुझ पर पहाड़ के बराबर भी कर्ज़ होगा तु उसे अदा कर देगा।
अंतिम लफ्ज़
अब तक तो आप भी आसानी से इस खुबसूरत बा बरकत भरी दुआ को पढ़ कर समझ गए होंगे और अमल में ला कर कर्ज़ से निजात पाएंगे इंशाल्लाह जरूर।
हमने इस लेख में दुआ के साथ साथ और भी बेहतरीन बातें बहुत ही साफ़ और आसान शब्दों में बताया था जिसे आप आसानी से समझ सकें।
अगर आपको कहीं पर समझने में कोई दिक्कत आई हो या फिर किसी तरह का कोई डाउट भी हो तो आप कॉन्टेक्ट अस पेज के ज़रिए जरूर पूछें।