आज़ यहां पर आप एक बहुत ही ज़रूरत व खुबसूरत भरी दुआ यानी कि Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua जानेंगे जो कि बहुत ही ज़रूरी है।
ऐसा इसलिए क्योंकि हम लोग जब भी कहीं से आते हैं तो अपने घर में दाखिल होते हैं और चाहते हैं कि हमें घर के अंदर किसी तरह का परेशानी न आए।
ऐसे में हमें इस घर में दाखिल होने की दुआ को ज़रूर पढ़ना चाहिए जिसकी वजह से हमारी हिफाज़त फ़रिश्ते करेंगे इंशाल्लाह तआला
Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua
यहां पर घर में दाखिल होने की दुआ तीनों लैंग्वेज यानि हिंदी के साथ साथ अरबी और इंग्लिश के बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में लिखा है।
जिसे आप आसानी से अपने पसंदीदा जबान में सही से पढ़ कर जेहन में बसा सकें यकीनन फिर आपको कहीं पर भी इस दुआ को नहीं देखनी पड़ेगी।
Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्मा इन्नी अस अलु क खैरल मौलिजी व खैरल मख्रिजी बिस्मिल्लाही व लज्ना व अलल्लाहि तवक्कलना
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Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua In Arabic
اَللّٰهُمَّ اِنّيِْ اَسْأَلُكَ خَيْرَ الْمَوْلِجِ وَخَيْرِ الْمَخْرَجِ بِسْمِ اللَّهِ ولَجْنَا وَعَلَى اللّٰهِ تَوَكَّلْنا
Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua In English
Allahumma inni Asa Alukaa Khairal Maulizi Wa Khairal Makhrizi Bismillahi Wa Lazna Wa Alallahi Tawakkalanaa
Ghar Me Dakhil Hone Ki Dua Ka Tarjuma
ऐ अल्लाह मैं तुझ से सवाल करता हूं अच्छे दाखिल होने और बेहतर निकलने का अल्लाह के नाम से दाखिल हुए और हमने अल्लाह पर भरोसा किया।
घर में दाखिल होने का सुन्नत तरीका
- घर में दाखिल होते वक्त अपना सबसे पहले दाहिना पांव घर में रखना चाहिए।
- घर में हाज़िर सभी को अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह व बरकातुहू कहना चाहीए।
- खाली घर में दाखिल होते वक्त अस्सलामु अलैना व अला इबादिल् लाहिस् सालेहिन कहना चाहीए।
- किसी दुसरे के घर में बगैर इजाज़त तलब किए बगैर नहीं एंट्री करनी चाहिए।
- घर में दाखिल होते वक्त बिस्मिल्लाह शरीफ़ के साथ एक दफा सूरह इख्लास भी ज़रूर पढ़ें।
घर में दाखिल होने का तरीका से जुड़ी खास हदीस
सहीह बुखारी व मुस्लिम में अबू सईद खुदरी रजियल्लाहु तआला अन्हुं से मरवी है कि।
अबू मुशा अशअरी रदियल्लाहु तआला अन्हुं हमारे पास आए और यह कहा कि।
हज़रत उमर रदियल्लाहु तआला अन्हुं ने मुझे बुलाया था मैंने उनके दरवाजे पर जाकर तीन बार सलाम किया जब जवाब नहीं मिला तो मैं वापस चला आया।
अब हज़रत उमर रदियल्लाहु तआला अन्हुं फरमाते हैं कि तुम क्यों नहीं आए।
मैंने कहा कि मैं आया था और दरवाजे पर तीन बार सलाम किया जब जवाब नहीं मिला तो वापस गया।
फिर रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने मुझसे फ़रमाया कि।
जब कोई शख्स तीन बार इजाजत मांगे और जवाब न मिले तो वापस जाए ।
हज़रत उमर यह फरमाते हैं कि गवाह लाओ कि हुज़ूर ने ऐसा फ़रमाया है अबु सईद खुदरी कहते हैं मैंने जाकर गवाही दी।
अंतिम लफ्ज़
अब तक तो आप आसानी से घर में दाखिल होने की दुआ जान गए होंगे और जेहन में भी बसा लिए होंगे क्योंकि यह बहुत ही छोटी थी।
हमने यहां पर दुआ के साथ साथ तमाम बातें बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में लिखा था जिसे आप पढ़ कर आसानी से समझ जाएं।
अगर इसे मुकम्मल पढ़ने के बाद भी आपके मन में कोई सवाल या फिर किसी तरह का कोई डाउट हो तो आप हमसे कॉन्टेक्ट करके जरूर पूछें।