आज़ हम सब नमाज़ अदा करने कुरान पाक पढ़ने या और कई सारे नेक व जायज़ इबादत और काम के लिए मस्जिद में दाख़िल होते हैं।
इसके बाद अपना अपना इबादत मुकम्मल करके मस्जिद से निकलते हैं औ र चाहते हैं कि हम पे रब की रहमत बरसती रहे जी बिल्कुल हम सब चाहते हैं।
लेकिन हम मस्जिद से निकलते वक्त Masjid Se Nikalne Ki Dua पढ़ेंगे तो और भी बेहतर होगा इसीलिए हमें यह जानना बेहद जरूरी है।
Masjid Se Nikalne Ki Dua
हमने यहां पर मस्जिद से निकलने की दुआ हिंदी के साथ साथ अरबी और इंग्लिश के बहुत ही सुन्दर लफ्ज़ों में तर्जुमे के साथ लिखा है।
जिसे आप अपने पसंदीदा जबान में सही से पढ़ कर जेहन में बसा सकें और हर बार मस्जिद से निकलते वक्त इस दुआ को आसानी से पढ़ सकें।
Masjid Se Nikalne Ki Dua In Hindi
अल्लाहुम्म इन्नी अस अलु क मिन फजलि क व रह् मतिक
Read Here: Masjid Me Dakhil Hone Ki Dua
Masjid Se Nikalne Ki Dua In Arabic
اَللّٰهُمَّ اِنِّىْ اَسْعٔلُكَ مِنَْ فَضْلِكَ وَرَحْمَتِكَ
Masjid Se Nikalne Ki Dua In English
Allahumma inni As-alu Ka Min Fazlee Ka Wa Rah-Mateeka
Masjid Se Nikalne Ki Dua Ka Tarjuma
ऐ अल्लाह! मैं तुझ से तेरे फ़ज्ल का सवाल करता हूं
मस्जिद से निकलने के नियम
- मस्जिद से निकलते हुए सबसे पहले अपना बायां पाव बाहर की जानिब निकालें।
- लेकीन अगर चप्पल वगैरा पहनना हो तो पहले दायां पांव में पहने तब बायां पाव निकालें।
- यह महबूबे खुदा सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का मस्जिद से निकलने का तरीक़ा था।
- मस्जिद से निकलते हुए दुआ पढ़ने से कब्ल कम से कम 3 मरतबा दुरूद पाक पढ़ लें।
- मस्जिद के उसी दरवाजा से निकले जिस दरवाज़े से दाखिल हुए थे।
- मस्जिद से अगर आप आख़िरी आदमी के रूप में भी निकल रहे हैं।
- तो भी मस्जिद में आने जाने वाली दरवाज़ा को बंद ना करें खुले रहने दें।
- मस्जिद का दरवाज़ा बन्द करना मकरुह होता है अगर आप को यह लगे।
- यह कि खुले रहने से अन्दर की समान हिफाज़त नहीं रहेगी तो बंद कर दें।
- मस्जिद से ख़ारिज होते वक्त अपने गुनाहों की मगफिरत की तलब किया करें।
- तलबे रहमत और तलबे फ़ज़ल से मगफिरत ज्यादा अहम चीज़ है।
अंतिम लफ्ज़
अब तक तो आप भी आसानी से मस्जिद से निकलने की दुआ पढ़ कर याद कर लिए होंगे और हमेशा मस्जिद से निकलते वक्त इस दुआ को पढ़ेंगे।
हमने यहां पर दुआ के साथ साथ तमाम बातें बहुत ही साफ़ लफ्ज़ों में बताया था जिसे आप पढ़ कर आसानी से समझ जाएं और अमल में ला सकें।
अगर अभी भी आपके जेहन में कोई डाउट हो तो आप हम से कॉन्टेक्ट अस के ज़रिए अपना सवाल जरूर पूछें हम जवाब पेश करेंगे इंशाल्लाह।