29 नवंबर 2024 का पंचांग (हिंदी में)
29 नवंबर 2024, शुक्रवार का दिन हिंदू धर्म के अनुसार विशेष महत्व रखता है। इस दिन का पंचांग दिनचर्या, शुभ मुहूर्त, राहुकाल और अन्य धार्मिक गतिविधियों के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है। आइए जानते हैं इस दिन का विस्तृत पंचांग।
29 नवंबर 2024 का पंचांग
- वार: शुक्रवार
- तिथि: चतुर्दशी (कृष्ण पक्ष)
- नक्षत्र: विशाखा
- योग: सुकर्मा
- करण: वणिज
- सूर्योदय: सुबह 6:50 बजे
- सूर्यास्त: शाम 5:25 बजे
- चंद्रमा: तुला राशि में
- पक्ष: कृष्ण पक्ष
शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:45 बजे से 12:30 बजे तक
- विवाह मुहूर्त: इस दिन विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है।
- गृह प्रवेश मुहूर्त: सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे तक
अशुभ समय (राहुकाल)
- राहुकाल: सुबह 10:30 बजे से 12:00 बजे तक
- गुलिक काल: सुबह 7:30 बजे से 9:00 बजे तक
- यमगंड काल: दोपहर 3:00 बजे से 4:30 बजे तक
विशेष घटनाएँ
इस दिन चतुर्दशी तिथि के कारण कई धार्मिक अनुष्ठानों का महत्व बढ़ जाता है। शुक्रवार का दिन माँ लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए विशेष माना जाता है। भक्तजन इस दिन धन, सौभाग्य और शांति के लिए माँ लक्ष्मी का व्रत और पूजन करते हैं।
29 नवंबर 2024 का महत्व
- माँ लक्ष्मी पूजा: शुक्रवार को माँ लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- चतुर्दशी व्रत: चतुर्दशी पर शिवजी की उपासना करने से पापों का नाश होता है।
- विशाखा नक्षत्र: यह नक्षत्र शुभ कार्यों, विवाह और निवेश के लिए अनुकूल माना जाता है।
FAQs (सामान्य प्रश्न)
1. 29 नवंबर 2024 को कौन सा व्रत है?
29 नवंबर 2024 को चतुर्दशी व्रत है। इस दिन भगवान शिव और माँ लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व है।
2. इस दिन विवाह का मुहूर्त है क्या?
नहीं, 29 नवंबर 2024 को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है।
3. राहुकाल कब है?
इस दिन राहुकाल सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक है। इस समय शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।
4. किस देवता की पूजा करनी चाहिए?
इस दिन माँ लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा करना शुभ माना जाता है।
5. 29 नवंबर 2024 को सूर्य किस राशि में है?
इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि में है।
6. विशाखा नक्षत्र का क्या महत्व है?
विशाखा नक्षत्र शुभ नक्षत्रों में से एक है। यह विशेष रूप से नए कार्यों की शुरुआत और निवेश के लिए अनुकूल है।
निष्कर्ष
29 नवंबर 2024 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस दिन माँ लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। शुभ और अशुभ समय का ध्यान रखते हुए दिनचर्या और पूजा-अर्चना करना शुभ फलदायी होगा।